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दैनिक जागरण में "भ्रष्टाचार की जड़"
दैनिक जागरण के नियमित स्तम्भ "फिर से" में
"भ्रष्टाचार की जड़"
22 मई 2010
(पढने के लिए लेख की कतरन पर चटका लगाएं)
मेरे ब्लॉग "प्रेम रस" पर मूल लेख को पढने एवं टिपण्णी देने के लिए यहाँ चटका लगाएँ
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डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट में "भ्रष्टाचार की जड़"
डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट के नियमित स्तम्भ "ब्लॉग रॉग" में
"भ्रष्टाचार की जड़"
22 मई 2010
मेरे ब्लॉग "प्रेम रस" पर मूल लेख को पढने एवं टिपण्णी देने के लिए यहाँ चटका लगाएँ
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जनसत्ता में "विश्वास की कसौटी"
जनसत्ता के नियमित स्तम्भ "समांतर" में
"विश्वास की कसौटी"
20 मई 2010
मेरे ब्लॉग "प्रेम रस" पर इस लेख को पढने एवं टिपण्णी देने के लिए यहाँ चटका लगाएँ
मूल लेख "धार्मिक नियमों पर आँख मूंद कर विश्वास करना मानसिक गुलामी है?" को पढने के लिए यहाँ चटका लगाएँ
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आप कारोबार में जितना ज़्यादा मेहनत करते हैं उतना ही कम कमाते हैं
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जब आप अपने कारोबार में ज़्यादा मेहनत करते हैं तो उसके दो नुकसान होते हैं, एक तो कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए ज़रूरी नेटवर्क को बनाने के साथ-साथ बाकी कारो...
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जनसत्ता" में "आतंक का मज़हब"
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